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मेरे प्यारे साथियों, आप इस पुस्तक का नाम पढ़ते ही समझ गये होंगे कि विचारों में परिवर्तन करके सफलता प्राप्त की जा सकती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि हम विचारो में परिर्वतन करे कैसें। दरअसल् बचपन से बड़े होत समय हम जिस परिस्थिति में जीवन गुजारते हैं,उस परिवेश में जो होता है, हमें…
मेरे प्यारे साथियों, आप इस पुस्तक का नाम पढ़ते ही समझ गये होंगे कि विचारों में परिवर्तन करके सफलता प्राप्त की जा सकती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि हम विचारो में परिर्वतन करे कैसें। दरअसल् बचपन से बड़े होत समय हम जिस परिस्थिति में जीवन गुजारते हैं,उस परिवेश में जो होता है, हमें वही सीखने को मिलता है और हमारा मस्तिष्क उसी स्तर तक विकसित हो पाता है और हम वैसे ही व्यवहार करते हैं। चाहे हमें उस परिवेश से दूसरे परिवेश में रख दिया जाये। जिस तरह से कुएं के मेढ़क को कुएं से निकालकर किसी साफ सुथरी जगह पर रख दिया जाये तो उसको यह लगेगा कि मैं ये कैसी दुनिया में आ गया हूं वो वापस उसी कुएं में कूदने की इच्छा रखेगा और मौका मिलते ही कूद जायेगा। इंसान बदलते वक्त के साथ सफलता प्राप्त करना चाहता है, बड़ा कुछ हासिल करना चाहता है तो उसके पहले के विचारों की जगह नये विचार लाने होंगे। इसे ही विचार परिवर्तन कहते हैं और जब हम विचार परिवर्तन करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। इस पुस्तक में वही शक्तियां और वही ज्ञान बाटा गया है। धन्यवाद।
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